संवदिया हिन्‍दी पत्रिका

संवदिया प्रकाशन, अररिया, बिहार द्वारा कोसी अंचल के वरिष्‍ठ कवि, कथाकार श्री भोला पंडित 'प्रणयी' के प्रधान संपादन में 'संवदिया' नामक त्रैमासिक साहित्यिक पत्रिका का प्रकाशन अक्‍तूबर 2004 से नियमित रूप से हो रहा है। आरंभ से ही पत्रिका के हर अंक में कोसी अंचल के किसी महत्‍वपूर्ण दिवंगत लेखक का परिचय, फोटो और उसके कृतित्‍व का आकलन करनेवाले लेख छापे जाने की परंपरा का निर्वाह इस पत्रिका ने निरंतर किया है।

Thursday, February 14, 2013

'संवदिया' के 'युवा हिंदी कविता अंक' की 'चौथी दुनिया' में समीक्षा


Posted by भोला पंडित 'प्रणयी' at 3:36 PM No comments:
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भोला पंडित 'प्रणयी'
अररिया, बिहार, India
1960 से विभिन्‍न विधाओं में निरंतर लेखन-प्रकाशन। आकाशवाणी से रचनाओं का प्रकाशन। 'तत्‍वमसि'(2004) के संपादन के बाद 'संवदिया' त्रैमासिकी का निजी तौर पर संपादन-प्रकाशन। भारत के राष्‍ट्रपति द्वारा रजतपदक और बिहार राष्‍ट्रभाषा परिषद के सम्‍मान के अलावा अनेक पुरस्‍कार-सम्‍मानों से विभूषित। प्रकाशित कृतियॉं वह इंसान था (1962), मुझे स्‍कूल जाने दो (1967), विदग्‍धा (1968), विरूप चेहरे (1995, सभी उपन्‍यास), मंथरा की विजय-यात्रा (कहानी संग्रह, 1996), धूप के फूल (1985), अब तक गिने नहीं गए पेड़ (1996), गीत-गजल (2006), अंधेरों से मुठभेड़ (2010), गिरते हुए पत्‍तों का बयान (2010, सभी कविता-संग्रह), धृतराष्‍ट्र के ऑंसू (1996), अर्जुन का अंतर्द्वन्‍द्व (1999, दोनों खंडकाव्‍य)तथा चलिये पिय के देश (अध्‍यात्‍म-दर्शन विषयक कृति, 1995)
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