Thursday, October 11, 2012

संवदिया : जुलाई-सितंबर 2012

'संवदिया' का जुलाई-सितंबर 2012 अंक प्रकाशित हो गया है, जिसके मुखपृष्‍ठ पर द्विवेदीयुगीन कवि, लेखक और अनुवादक राजा कमलानंद सिंह 'साहित्‍यसरोज' का छायाचित्र सुशोभित है। अंक में उनके व्‍यक्‍ितत्‍व और कृतित्‍व पर गिरिजानंद सिंह का आलेख प्रकाशित किया गया है। अंक में आकांक्षा यादव (लोक साहित्‍य में स्‍वाधीनता की अनुगूँज), कर्नल अजित दत्‍त (श्रीकृष्‍ण का महाप्रयाण), संजीव रंजन (हौले हौले ट्रक चले), संजीव ठाकुर (चंद्रबिंदु का सवाल) तथा रेवती नंदन विश्‍वास (रेणु की कहानियों में कथा मानक रूप) के आलेख भी प्रकाशित हैं। श्‍यामसुंदर घोष द्वारा लिखित 'आत्‍मशोकोद्गार भी इस अंक की एक विशिष्‍ट रचना है।
प्रस्‍तुत अंक कविता, कहानी, लघुकथा, गजल, दोहे, हाइकु, समीक्षा आदि विधाओं की रचनाओं से भी समृद्ध है। इसमें जोगेश्‍वर जख्‍मी, सूरज तिवारी मलय, राहुल राजेश, वंदना शर्मा, रेखा चौधरी, हरिश्‍चंद्र सिंह, हरीलाल मिलन, ए. कीर्तिवर्द्धन, शैलेश प्रताप सिंह और प्रतिभा कुमारी की कविताऍं; सुधाकर गजेंद्र, अंजनी कुमार शर्मा, श्‍याम सखा श्‍याम और मिथिलेश आदित्‍य की गजलें, सुरेश उजाला के हाइकु और सुबोध कुमार सुधाकर के दोहे प्रकाशित हैं।
कथासाहित्‍य के अंतर्गत राजेंद्र परदेसी, तारिक असलम तस्‍नीम और चौधरी भगवंत सहयोगी की कहानियॉं तथा ओमप्रकाश कश्‍यप, ठाकुर शंकर कुमार, रामखेलावन प्रजापति, ओमप्रकाश पांडेय मंजुल, रामदेव प्रसाद शर्मा, अशफाक कादरी, अश्‍िवनी कुमार आलोक, सुरेंद्र कुमार, नीरज पासवान जिज्ञासु तथा राजेश्‍वरी पंडित की लघुकथाऍं प्रकाशित की गई हैं।
'खास किताब' के अंतर्गत देवेंद्र कुमार देवेश की चर्चित आलोचना पुस्‍तक 'गीतांजलि के हिंदी अनुवाद' की विस्‍तृत समीक्षा वरुण कुमार तिवारी ने लिखी है। अन्‍य पुस्‍तक समीक्षाओं में रामचंद्र यादव के कहानी-संग्रह 'जेठ की धूप' तथा अरविंद श्रीवास्‍तव के कविता-संग्रह 'राजधानी में एक उजबेक लड़की' की समीक्षाऍं प्रकाशित हैं। 

Thursday, August 23, 2012

इक्‍कीसवीं सदी में युवा हिन्‍दी कविता

आप सबको जानकर प्रसन्‍नता होगी कि रचनात्‍मक संभावनाओं को सामने लाने की दिशा में निरंतर प्रयत्‍नशील 'संवदिया' ने 'इक्‍कीसवीं सदी में युवा हिन्‍दी कविता' पर एक विशेषांक निकालने की योजना बनाई है। इक्‍कीसवीं सदी में युवावस्‍था में प्रवेश करनेवाले रचनाकारों की हिन्‍दी कविता पर केन्‍द्रित इस विशेषांक को सफल बनाने के लिए 'संवदिया' के तमाम सहयोगियों से अनुरोध है कि वे इस अंक के लिए रचनात्‍मक सहयोग प्रेषित करें/कराऍं।

इक्‍कीसवीं सदी में 21 की उम्र में प्रवेश करनेवाले अर्थात् 1979 अथवा उसके बाद जन्‍म लेनेवाले तमाम युवा लेखकों से अनुरोध है कि वे इस अंक में प्रकाशन के लिए विचारार्थ अपनी दो हिन्‍दी कविताऍं, अपने फोटो एवं परिचय के साथ अंक के अतिथि संपादक डॉ. देवेन्‍द्र कुमार देवेश (डी 3, 1/22, सेक्‍टर 5, राजेन्‍द्र नगर, साहिबाबाद, गाजियाबाद 201005, मोबाइल : 09868456153, ईमेल : samvadiapatrika@yahoo.com) को 15 सितंबर 2012 तक भेजने का अनुग्रह करें।

'संवदिया' का अक्‍तूबर-दिसंबर 2012 का अंक उक्‍त विशेषांक के रूप में प्रकाशित होगा।

Monday, June 11, 2012

संवदिया : अप्रैल-जून 2012

'संवदिया' का अप्रैल-जून 2012 अंक नई छटा के साथ प्रकाशित हुआ है। कोसी अंचल के दिवंगत हिन्‍दी साहित्‍यकार डॉ. सत्‍येन्‍द्र निगम पर विशेष सामग्री के अलावा इसमें ललित निरंजन द्वारा प्राय: साठ साल पुराने फारबिसगंज मेला से जुड़ी संस्‍म़तियॉं 'काश, और वे लम्‍हे...' के नाम से प्रकाशित है। सत्‍येन्‍द्र निगम के व्‍यक्‍ितत्‍व और कृतित्‍व पर लिखा है सुशील कुमार श्रीवास्‍तव और अनिता रानी अन्‍नु ने। अंक में नज्‍म सुभाष, सीताराम पांडेय, विश्‍वनाथ प्रसाद श्रीवास्‍तव, देवेन्‍द्र कुमार मिश्रा और अमित कुमार लाडी की कहानियॉं प्रकाशित हैं, जबकि लीलारानी शबनम, सजीवन मयंक, असलम हसन, शंभुनाथ अरुणाभ, मांगन मिश्र मार्तण्‍ड, सुवंश ठाकुर अकेला, रवीश कुमार, सुशीला शर्मा, तारिक असलम तस्‍नीम, सुलभ जायसवाल, चेतना वर्मा, सुरेंद्र दीप, हितेश कुमार शर्मा एवं विजयशंकर द्विवेदी की कविताऍं।उपेंद्र प्रसाद राय, कविता किरण, सुकामारी अड़ोरा, प्राणमोहन प्रीतम, दीप विलासपुरी एवं एसएमएस अहमद की गजलों के साथ 'नवांकुर' स्‍तंभ के अंतर्गत प्रकाशित है पवन कुमार पारदर्शी की कविता। गजेंद्र कुमार (कालिदास एवं इनका महाकाव्‍य कुमारसंभवम) एवं रामचरण यादव (लोक साहित्‍य और भारतीय जीवनमूल्‍य) के आलेखों के साथ पुस्‍तक समीक्षा के अंतर्गत चार पुस्‍तकों की समीक्षाऍं प्रकाशित की गई हैं।

Thursday, March 1, 2012

संवदिया : जनवरी-मार्च 2012, संपूर्ण उपन्‍यास : सुन्‍नैर नैका


'संवदिया' का जनवरी-मार्च 2012 अंक विशेष आकर्षण लिए हुए है। इसमें युवा कथाकार एवं पत्रकार पुष्‍यमित्र का संपूर्ण उपन्‍यास 'सुन्‍नैर नैका' का प्रकाशन किया गया है, जो कोसी अंचल की एक बहुश्रुत लोककथा पर आधारित है। उपन्‍यास पर गिरीन्‍द्रनाथ झा और पशुपति शर्मा की टिप्‍पणियॉं भी प्रकाशित की गई हैं। पत्रिका का मुखपृष्‍ठ कोसी अंचल के प्रतिष्‍ठित कवि-आलोचक एवं संत साहित्‍य के मर्मज्ञ विद्वान डॉ. महेश्‍वर प्रसाद सिंह के चित्र से सुसज्‍जित है और उनके रचनात्‍मक अवदान पर डॉ. देवेन्‍द्र कुमार देवेश का आलेख प्रकाशित किया गया है। डॉ. शिवनारायण द्वारा लिखित कलकत्‍ते का यात्रा वृत्‍तांत भी मर्म को छू लेनेवाला है।