Tuesday, March 8, 2011

संवदिया : जनवरी-मार्च 2011, फणीश्‍वरनाथ रेणु और नागार्जुन पर विशेष


'संवदिया' का नवीनतम अंक जनवरी-मार्च 2011, फणीश्‍वरनाथ रेणु और नागार्जुन पर विशेष सामग्री के साथ प्रकाशित हुआ है। 1955-56 में डॉ. मधुकर गंगाधर के नाम लिखे गए फणीश्‍वरनाथ रेणु के चार लंबे पत्र इस अंक का खास आकर्षण हैं, जो पहली बार हिन्‍दी साहित्‍य संसार के सामने आए हैं। नागार्जुन के काव्‍य में मिथिला के लोकजीवन का दिग्‍दर्शन कराता डॉ. वरुण कुमार तिवारी का लेख भी महत्‍वपूर्ण है। रेणु की रचनाओं पर बनी फिल्‍मों का लेखा-जोखा प्रस्‍तुत किया है कर्नल अजित दत्‍त ने। अन्‍य सामग्रियों में डॉ. फरहत आरा (वहाजुद्दीन सिद्दीकी पर), रामखेलावन प्रजापति (खेदनप्रसाद चंचल पर), संजीवरंजन (मणिपुर पर) के लेख, श्री सुखदेव नारायण का संस्‍मरण, श्‍यामल, डॉ. धर्मदेव तिवारी, भोला पंडित प्रणयी, नरेन्‍द्र तोमर, लीलारानी शबनम, चेतना वर्मा, अर्पण कुमार, स्‍नेहा किरण, विभुराज चौधरी आदि की कविताऍं तथा रहबान अली राकेश, प्रभात दुबे, अरुण अभिषेक एवं इंदिरा डांगी की कहानियॉं शामिल हैं। समीक्षा आदि स्‍तंभ तो हैं ही।

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