'संवदिया' का अक्टूबर-दिसंबर 2010 का अंक सिद्ध सरहपा और बालसाहित्य पर विशेष रूप से केन्द्रित है। पत्रिका में प्रकाशित डॉ. देवेन्द्र कुमार देवेश की टिप्पणी में उन्हें कोसी अंचल का कवि बताया गया है। ध्यातव्य है कि सरहपा हिन्दी के प्रथम कवि माने जाते हैं। पत्रिका में प्रतिष्ठित विद्वान डॉ. विश्वंभरनाथ उपाध्याय द्वारा लिखित 'सरहपा का दर्शन और कविता' शीर्षक खास आलेख प्रकाशित है। साहित्य अकादेमी द्वारा भारतीय भाषाओं में प्रकाशित बालसाहित्य की श्रेष्ठ कृतियों के लिए 2010 से बालसाहित्य पुरस्कार आरंभ किए गए हैं। हिन्दी में यह पुरस्कार डॉ. प्रकाश मनु को तथा मैथिली में कोसी अंचल के प्रतिष्ठित लेखक तारानंद वियोगी को प्रदान किए गए हैं। पत्रिका के इस अंक में पुरस्कार प्राप्ित के अवसर पर दिए गए उनके वक्तव्यों को प्रकाशित किया गया है। प्रधान संपादक भोला पंडित प्रणयी का संपादकीय राष्ट्रभाषा हिन्दी के महत्व पर केन्द्रित है, जबकि संपादक अनीता पंडित ने अपने संपादकीय में कोसी केन्द्रित वेबपेजों/ब्लॉगों पर चर्चा की है।
इस अंक में प्रकाशित अन्य महत्वपूर्ण रचनाऍं हैं : डॉ. रमेशचंद्र शाह की डायरी के अंश, 'कथा कोसी' (बच्चा यादव द्वारा संपादित विशिष्ट कहानी-संग्रह) पर समीक्षात्मक आलेख, रंजू कुमारी द्वारा लिखित आलेख 'भारत के विभन्न कला रूपों में चिकित्सा व स्वास्थ्य', डॉ. तारिक असलम 'तस्नीम' और रतन वर्मा की कहानियॉं, ओमप्रकाश कश्यप के शीघ्र प्रकाश्य उपन्यास 'दंश' का एक अंश तथा तीन महत्वपूर्ण आलेख - लोक संस्कृति की लय है कजरी (कृष्ण कुमार यादव), बाल कुपोषण एवं महिलाऍं (विमला कुमारी) एवं द्वितीय विश्वयुद्ध, आजाद हिन्द फौज एवं भारत (संजीव रंजन)।
पत्रिका में राजेश्वरी पंडित की लघुकथाऍं और 'चल नदिया के पार' (सुबोध कुमार सुधाकर का गीत संग्रह), 'गीतमाला' (पद्मानंद की कविताऍं) 'अंधेरों से मुठभेड़' (भोला पंडित प्रणयी का गजल संग्रह) और 'अफसोस के लिए कुछ शब्द' (डॉ. अरविन्द श्रीवास्तव का कविता संग्रह) की समीक्षाऍं भी प्रकाशित हैं।
'संवदिया' के इस अंक में शामिल कविताओं के कवि हैं - ओमप्रकाश चतुर्वेदी पराग, रमेश कुमार रमण, सत्येन्द्र शशि, विमलेश त्रिपाठी, नवनीत कुमार, प्रमोद पंडित, सुरेन्द्र कुमार, निशांत, राजेशचंद्र, विजयशंकर द्विवेदी और आदर्श कुमार इंकलाब।
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